Oracle IAS, the best coaching institute for UPSC/IAS/PCS preparation in Dehradun (Uttarakhand), brings to you views on important issues.
प्रधानमंत्री की हाल ही की तीन अफ्रीकी देशों रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा समझौतों और उपलब्धियों से भरी रही है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में संपन्न ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया, और अफ्रीका में भारत की वचनबद्धता के 10 मूलभूत सिद्धांतों को भी स्पष्ट किया। नई रणनीति भारत-अफ्रीका के ऐतिहासिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है। इसका मुख्य केन्द्र पूर्वी अफ्रीका है, जिसे दूसरे शब्दों में हम हिन्द-प्रशांत महासागर की पश्चिमी सीमा कह सकते हैं। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ यह भारतीय सामान और सेवाओं के लिए बाजार तैयार करने एवं भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हेतु नई संधियों की दृष्टि से अनुकूल है।
> इस क्षेत्र में अपनी पैठ बनाकर भारत अफ्रीका के विकास में चीन से अलग अपना स्थान बना सकता है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के बहुत से देश चीन के भार से दबे हुए हैं। ऐसे में भारत ने अफ्रीका के विकास और प्रसार के लिए निजी क्षेत्र की साझेदारी को सर्वोपरि रखा है। भारत को अंग्रेजी भाषा के कारण अफ्रीकी देशों में प्रशिक्षण और शोध करने का लाभ भी मिलता है। भारत ने भारत-अफ्रीका फोरम की एक श्रृंखला भी शुरू की है, और वह जापान के साथ मिलकर एशिया-अफ्रीका विकास गलियारे पर भी काम कर रहा है। विडंबना यह है कि भारत से आने वाली विकास निधि चीन की तरह के ऋण पैटर्न पर ही अफ्रीका पहुँच रही है। इसकी संवितरण की दर चीन की तुलना में काफी कम है।
> इस यात्रा में प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव रवांडा रहा। यह अफ्रीकी यूनियन की अध्यक्षता करने वाला तथा अफ्रीका की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में तीसरे नंबर का देश है। इस देश पर पश्चिमी देशों का काफी प्रभाव है। रवांडा ने वन बेल्ट वन रोड समझौते में शामिल होने के साथ ही चीन की 15 बड़ी परियोजनाओं पर काम की शुरूआत कर दी है। यह अफ्रीका में भारत के प्रवेश की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण देश है, और यही कारण है कि भारत ने इसके साथ कई रणनीतिक समझौते किए हैं। प्रधानमंत्री ने रवांडा में उच्चायोग की स्थापना की भी घोषणा की है।
> प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे पड़ाव युगांडा को भी अनेक योजनाओं में सहयोग करने का प्रस्ताव दिया है। यह देश छः पूर्वी अफ्रीकी देशों के समूहों की अध्यक्षता करता है, और भारत के व्यापार को बढ़ाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
> दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत के लिए अफ्रीकी देश, प्राथमिक देशों में से एक हैं, और भारत उनके साथ ऐसे समझौते करना चाहता है, जो भविष्य को कुंठित करने की जगह उनका विकास करें।
भारत-अफ्रीका संबंधों में एक ओर तो स्पष्टता बढ़ती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर इनके कार्यान्वयन की क्षमता पर संदेह उत्पन्न होता है। चीन की तुलना में भारत से अफ्रीका पहुँचने वाली विकास निधि के संवितरण की दर धीमी है। 2017- 18 में भारत से मात्र 4 प्रतिशत अनुदान की ही प्रतिबद्धता दिखाई गई। भारत ने निजी क्षेत्र की जिन कंपनियों को अफ्रीका में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी दी है, उन कंपनियों ने घोषणा के एक वर्ष बाद भी काम शुरू नहीं किया है। ये कुछ बड़े अवरोध हैं, जिन्हें दूर किए जाने की आवश्यकता है, तभी भारत अन्य देशों को भी विश्वास दिला सकेगा कि वह विश्वसनीय सेवा-प्रदाता है।
Contact us for:-
- IAS coaching in Dehradun
- PCS/UPPCS/UKPCS coaching in Dehradun
- Current Affairs classes in Dehradun
- For getting detailed feedback on your answers and improve answer writing
- Phone Number:- 9997453844
- Prepare for Lower PCS Uttarakhand Exam 2025 with Oracle IAS - September 23, 2024
- Uttarakhand Lower PCS 2024 || Oracle IAS - September 19, 2024
- UKPCS Topper Mock Test Copies || Oracle IAS - September 18, 2024